Mahakumbh 2025: क्या आपने देखा महाकुंभ का लोगो, क्या है इसका महत्व; सीएम योगी ने किया लॉन्च

Mahakumbh 2025: क्या आपने देखा महाकुंभ का लोगो, क्या है इसका महत्व; सीएम योगी ने किया लॉन्च

मेरा सनातन डेस्क। Mahakumbh 2025: सनातन धर्म के सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ माना जाता है। यहां दुनियाभर से लाखों लोग मां गंगा में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। महाकुंभ 144 साल में सिर्फ एक ही बार लगता है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ का प्रतीक चिन्ह (Logo) का अनावरण किया। लोगो में धार्मिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक दर्शाया गया है, जिसमें पौराणिक समुद्र मंथन से निकले पवित्र पात्र अमृत कलश का चित्रण है।

लोगो में दिखाए गए हैं साधु-संत और हनुमान

लोगो के डिजाइन में एक मंदिर, एक ऋषि, एक कलश, अक्षयवट वृक्ष और भगवान हनुमान की एक छवि है, जो सनातन सभ्यता में प्रकृति और मानवता के संगम का प्रतिनिधित्व करती है। यह आत्म-जागरूकता और लोक कल्याण के निरंतर प्रवाह का भी प्रतीक है, जो महाकुंभ 2025 के लिए एक प्रेरणादायक प्रतीक के रूप में कार्य कर रहा है। इस मौके पर सीएम ने मेगा धार्मिक मेले के लिए वेबसाइट और ऐप भी लॉन्च किया। 

दुनियाभर से आते हैं साधु संत

वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े त्योहारों में से एक, महाकुंभ का लोगो इसके विविध और दूरगामी प्रभाव को प्रतिबिंबित करने के लिए तैयार किया गया है, जो इसके आध्यात्मिक सार और सांस्कृतिक भव्यता दोनों को दर्शाता है। देश भर के सभी संप्रदायों के साधु और संत बड़ी संख्या में महाकुंभ में भाग लेते हैं, लोगो में एक साधु को शंख बजाते हुए दर्शाया गया है।

लोगो में दिखाया गया है अमृत कलश

लोगो में संगमनगरी के किनारे स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल भी शामिल हैं और यह सनातन धर्म की विभिन्न परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। डिजाइन में दिखाया गया अमृत कलश गहरा प्रतीकवाद रखता है: इसका मुंह भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है, गर्दन रुद्र का प्रतीक है, आधार ब्रह्मा का प्रतीक है, मध्य भाग सभी देवी-देवताओं का प्रतीक है, और भीतर का पानी पूरे महासागर का प्रतिनिधित्व करता है।

महाकुंभ 144 साल में सिर्फ एक ही बार लगता है

महाकुंभ का आयोजन हर 144 साल में यानी 12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद होता है। पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में आता है और इसे इन चारों जगहों पर बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, हर 6 साल में दो जगहों हरिद्वार और प्रयागराज में अर्ध कुंभ मेला भी लगता है। अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ के बीच में आता है।

Tags:

About The Author

Mera Sanatan Picture

मेरा सनातन फाउंडेशन एक गैर लाभकारी संगठन है। यहां हम सनातन धर्म से जुड़े विषय वेदों, उपनिषदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय व लोक कलाकारों के साथ युवाओं की प्रतिभाओं को एक मंच देना है साथ ही लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए मेरा सनातन ने आने वाले भक्ति काव्य पर लिखने बोलने वाले युवा कवियों के लिए 'सनातन यात्रा' की शुरुआत की है। इसमें कलाकारों और कवियों द्वारा बोली गई रचनाओं (काव्य, गद्य अन्य रचना) को वीडियो के साथ पेश किया जाता है। अगर आप भी सनातन धर्म से जुड़ा कुछ लिखते या कुछ बोलना चाहते हैं तो हमारे मंच पर आपका स्वागत है। 

Related Posts

Advertisement

Latest News

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम स्नान के साथ ही प्राचीन मंदिरों में जरूर करने चाहिए दर्शन Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम स्नान के साथ ही प्राचीन मंदिरों में जरूर करने चाहिए दर्शन
मेरा सनातन डेस्क। प्रयागराज में कुंभ का आयोजन त्रिवेणी नदी के संगम पर होता है. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती...
Mahakumbh Prayagraj: 13 जनवरी से महाकुंभ का आरंभ, ये हैं स्नान की मुख्य तिथियां
बांग्लादेश में इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर हंगामा, हजारों लोग सड़कों पर उतरे
बांग्लादेश में हिंदुओं की हालात बद से बदतर, कब रिहा होंगे चिन्मय दास
बांग्लादेश में फिर मंदिरों पर हमले; हिंदू परिवार कर रहे पलायन; पुजारियों की हत्या
Utpanna Ekadashi 2024: पापों से मुक्ति दिलाती है उत्पन्ना एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, पारण का समय और पूजा विधि
Vrindavan: प्रसिद्ध गायक ध्रुव शर्मा और स्वर्णा श्री वृंदावन के राधादामोदर मंदिर में करेंगे राग सेवा, जानें समय