Chandrodaya Mandir: बस खत्म होने को है इंतजार, भारत को जल्द मिलने वाला है दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर

Chandrodaya Mandir: बस खत्म होने को है इंतजार, भारत को जल्द मिलने वाला है दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर

मेरा सनातन डेस्क। भारत में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा मंदिर बन रहा है जिसका नाम चंद्रोदय मंदिर है। चंद्रोदय मंदिर  उत्तर प्रदेश की कृष्ण नगरी वृंदावन में बन रहा है और इसका निर्माण नवंबर में पूरा होने की उम्मीद है।  यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर की योजना भारतीय संस्था इस्कॉन द्वारा बनाई गई है और इसका निर्माण 500 करोड़ से ज्यादा की लागत से किया जा रहा है। 

भव्य दिव्य होगा चंद्रोदय मंदिर

माना जा रहा है कि चंद्रोदय मंदिर दुनिया में सबसे भव्य दिव्य होने वाला है।  वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई लगभग 700 फीट की होगी और जो 70 मंजिला इमारत  जितना ऊंचा होगा। इसी के साथ यह दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बन जाएगा। कहा जा सकता है कि यह दुनिया का सबसे लंबा धार्मिक स्मारक होगा। 

पर्यावरण का रखा जा रहा है पूरा ध्यान

अपनी गगनचुंबी इमारत के अलावा इस मंदिर की दूसरी विशेषता यह है कि मंदिर परिसर में लगभग 26 एकड़ भूमि पर 12 कृत्रिम जंगल बनाए जाएंगे, जो मनमोहक और आकर्षण से भरपूर है। मंदिर परिसर छोटी-छोटी कृत्रिम पहाड़ियों और झरनों से भरा होगा, जिसका निर्माण विशेष रूप से श्रीमद्भागवत और अन्य ग्रंथों में दिए गए कृष्ण काल ​​के ब्रजमंडल के 12 वनों के पूर्ण विवरण के अनुसार किया जाएगा। ताकि भक्त कृष्ण काल ​​के ब्रज को महसूस करें। 

श्रील प्रभुपाद ने की थी इस मंदिर की कल्पना

वृंदावन-छटीकरा मार्ग स्थित अक्षय पात्र परिसर में आठ मार्च 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदिर का शिलान्यास किया था। राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने 16 नवंबर 2014 को आधारशिला रखी थी। इसकॉन, बंगलौर द्वारा करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद से 1972 में की थी जब वह भारत यात्रा के दौरान वृंदावन आए थे। 

चंद्रोदय मंदिर से देख पाएंगे ताजमहल

गगनचुम्बी चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि मंदिर के टॉप पर रखी जाने वाली टेलीस्कोप से आगरा के ताजमहल को देखा जा सकेगा। मंदिर से ताजमहल कि दूरी 80 किलोमीटर है। इमारत के प्रारंभिक तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर होंगे। इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता आठ मीटर प्रति दो सेकंड होगी।

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