Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम स्नान के साथ ही प्राचीन मंदिरों में जरूर करने चाहिए दर्शन
मेरा सनातन डेस्क। प्रयागराज में कुंभ का आयोजन त्रिवेणी नदी के संगम पर होता है. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है. इसलिए ही प्रयागराज को तीर्थराज भी कहा जाता है. पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ मेला आरंभ हो जाएगा.
धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि संगम में स्नान करने से पाप और कष्ट मिट जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है. महाकुंभ के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. अगर आप भी इस बार कुंभ के दौरान संगम में स्नान के लिए प्रयागराज आ रहे हैं तो यहां पर स्नान के अलावा प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी करने चाहिए. खासतौर पर लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन जरूरी होता है. चलिए जान लेते हैं कि किन प्रयागराज में किन मंदिरों के दर्शन करें.
यहां के दर्शन बिना अधूरी है महाकुंभ यात्रा
महाकुंभ जाएं तो लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन जरूर करें. यहां के दर्शन के बिना महाकुंभ की यात्रा अधूरी मानी जाती है. ये ख्याति प्राप्त प्राचीन मंदिर गंगा, यमुना के तट के पास ही स्थित है. जब गंगा नदी का जल स्तर बढ़ जाता है तो जलधारा मंदिर के अंदर प्रवेश कर जाती है.
भगवान विष्णु का माधव रूप के करें दर्शन
प्रयागराज में श्री वेणी माधव मंदिर की मान्यता भी काफी ज्यादा है. यहां पर आपको भगवान विष्णु के दर्शन माधव रूप में होंगे. संगम में स्नान के साथ ही विष्णु जी के इस प्रसिद्ध मंदिर में भी आप दर्शन जरूर करें. यह मंदिर दारगंज में स्थित है जो संगम से ज्यादा दूर नहीं है.
देवी मां के इस मंदिर में नहीं है कोई प्रतिमा
प्रयागराज के प्राचीन मंदिरों की बात करें तो आप यहां अलोप शंकरी मंदिर में दर्शन करने जरूर जाएं. इस मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है, लेकिन कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि पालने पर चुनरी और छत्र से स्वरूप बनाया गया है, जिसकी विधिवत पूजा की जाती है.
महादेव का प्राचीन मंदिर
प्रयागराज के ख्याति प्राप्त मंदिरों में से एक है मनकामेश्वर महादेव मंदिर. इस मंदिर परिसर में सिद्धेश्वर और श्रणमुक्तेश्वर महादेव के शिवलिंग स्थापित हैं तो वहीं इस मंदिर में आप दक्षिण मुखी हनुमान जी के दर्शन भी कर सकते हैं जो बहुत ही शुभ माना जाता है. महादेव के इस मंदिर में सावन के दौरान जबरदस्त भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
तीन मंजिला ये मंदिर है बेहद खूबसूरत
प्रयागराज में आपको आदि शंकर विमान मंडपम जरूर जाना चाहिए. ये एक ऐसा मंदिर है जो न सिर्फ आध्यात्मिक शांति का बोध करवाएगा, बल्कि यहां की वास्तुकला भी आकर्षित करती है. ये मंदिर कामाक्षी देवी को समर्पित है और तीन मंजिला बना हुआ है, जिसमें शिव जी और श्री हरि विष्णु जी के दर्शन भी होते हैं.
नागराज को समर्पित है ये मंदिर
संगम तट पर ही स्थित नागावासुकी मंदिर नागराज को समर्पित है. महाकुंभ के लिए इस मंदिर का कायाकल्प भी किया गया है. प्रयागराज के इस भव्य मंदिर में जाना आपके लिए यादगार रहने वाला है. अगर अपनी महाकुंभ की यात्रा को और भी यादगार बनाना है तो इन मंदिरों को विजिट करें.
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